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Ram Mandir ram,

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  २२ जनवरी २०२४ को प्राणप्रतिष्ठा के समय श्री राम मंदिर श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र लार्सन एंड टूब्रो  द्वारा निर्माण ( सीबीआरआई ,  राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थानऔर   आईआईटी  द्वारा सहायता प्राप्त) निर्देशांक : निर्देशांक :  26°47′44″N   82°11′39″E  /  26.7956°N 82.1943°E     रामायण   आदि कवि   वाल्मीकि   द्वारा लिखल्   संस्कृत   कय एकठु अनुपम   महाकाव्य   होय। एहमा २४,०००   श्लोक   हैं। ई हिन्दू   स्मृति   कय उ अंग होय जवने कय माध्यम से   रघुवंश   कय राजा  श्रीराम    कय गाथा कही गा है। एका   आदिकाव्य   भी कहि जात है। रामायण कय सात अध्याय हैं जवने कय   काण्ड   कय नाव से जाना जात हय। रचनाकाल कुछ भारतीय कहत हैं कि ई महाकाव्य ६०० ईपू से पहिलै लिखा गवा रहै। ईके पीछे युक्ति इ है कि महाभारत जो ईके पश्चात आवा बौद्ध धर्म के बारे में मौन है यद्यपि ईमा जैन, शैव, पाशुपत आदि अन्य परम्पराओं का वर्णन करा गवा है। इहै कारण रामायण गौतम बुद्ध के काल क...

श्री मद् भगवद गीता -अध्याय-1, कुरुछेत्र के युध स्थल मे सेन्य निरीकछ्ण

 धर्म छेत्रे कुरुछेत्रे  सम्वेता युयुत्सव: । मामका: पाण्डवाच्श्रेव किम्कुर्वत संज्ज्य ॥१॥ धुतराश्ट ने कहा - हे संजय । धर्म भुमी कुरुछेत्र मे युध कि इच्छा से एक्त्र हुए मेरे तथा पंढु के पुत्रो ने क्या किया ? तात्पर्य-  भगवद गीता एक बहुपठित आस्तिक विज्ञान हैं जो गीता महाकाव्य मे सार रुप मे दिया हुआ हैं इसमे बताया गया हैं कि अपनी सवार्थ प्रेरित के बिना श्री कृष्ण कि भगती कि सहायता से इसे समझने का यतन करे। यदि किसि को भगवद गीता को समझने का सोभाग्य प्राप्त होता हैं तो यह समस्त वेदिक ग्यान ओर संसार के समस्त शास्त्रो के अधयन को पिछे छोड. देता हैं  माना जाता हैं कि इस दर्शन कि प्रस्तुति कूरूछेत्र के युध्दस्थल मे हुई जो वेदिक युग से पवित्र तिर्थ स्थल रहा हैं।   संजय श्री व्यास जी का शिस्य था अत: उन कि क्रिपा से संजय ध्रुत राष्ट के पास बेठे -बेठे  युद्ग स्थल का दर्शन कर सक्ता था इसलिए  ध्रुत राष्ट  ने उस्से  युध स्थल के विष्य मे पुछा। इस युद्ग मे धर्म के पिता श्रीकूष्ण उप्सिथित थे जिस्से  धर्म कि विजय होना इस युध मे  यही सर्थक ...